हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पूरे देश में करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस साल यह 20 अक्टूबर, 2024 को है।
करवा चौथ अन्य दिनों के व्रत से बहुत अलग और कठिन होता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चांद दिखने तक निर्जला व्रत रखती हैं। यानी वे इस दिन भोजन और पानी का त्याग करती हैं। पानी की एक बूँद भी नहीं पी सकती करवा चौथ की कहानी तोह आप सभी ने सुनी ही होगी आज हम आपको बताते है की करवा चौथ की सरगी की थाली से कैसे हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है।
प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद से लेकर एलोपैथी तक सभी चिकित्सा विधाओं में व्रत रखना शरीर के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। भोजन का त्याग करने से पाचन तंत्र को आराम करने का मौका मिलता है, लेकिन जल का त्याग करने से डिहाइड्रेशन जैसी गंभीर स्थिति भी बन सकती है।
हालांकि अच्छी बात ये है कि इसका हल भी करवा चौथ व्रत की परंपरा में ही मिलता है। इस दिन सास अपनी बहू को आशीर्वाद के रूप में सरगी की थाली देती हैं। इस थाली में खाने-पीने की तमाम चीजें होती हैं, जिसे सूर्योदय से पहले ही खाना होता है क्यूंकि ये एक पुराणी परम्परा है।
हम सरगी की थाली को इस तरह तैयार कर सकते हैं कि इससे दिन भर के लिए जरूरी कैलोरी और न्यूट्रिशन मिल जाए। इसके अलावा हमारे शरीर के लिए जरूरी पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की जरूरत भी पूरी हो जाए।
सरगी की पारंपरिक थाली ऐसे तैयार की जाती है।
सरगी की थाली को चार हिस्सों में बांटा जाता है। इसमें कुछ फल, सूखे मेवे, पका भोजन और मिठाई शामिल की जाती है। थाली में मौजूद सभी चीजें हमारे शरीर के लिए जरूरी हैं।
करवा चौथ के निर्जला व्रत में दिन में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए सरगी की थाली में ताजे फल शामिल किए जाते हैं। इनमें भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होता है, जो दिन में हमारी बॉडी को हाइड्रेटेड रखने का काम करती है । इसमें हम मिनरल्स और विटामिन C के लिए अनार व अन्य खट्टे फल शामिल कर सकते हैं।
बॉडी को हाइड्रेटेड रखने का काम करते है ये फल
करवा चौथ के निर्जला व्रत में दिन में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकती है। इसलिए सरगी की थाली में ताज़े फल जरूर रखे। इनमें भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होता है, जो दिन में हमारी बॉडी को हाइड्रेटेड रखता है। इसमें हम मिनरल्स और विटामिन C के लिए अनार व अन्य खट्टे फल शामिल कर सकते हैं।
पोषक तत्वों और ऊर्जा के लिए सूखे मेवे
सूखे मेवे कई तरह के पोषक तत्व, कार्ब्स और डाइटरी फाइबर से भरपूर होते हैं। इसलिए सरगी की थाली में सूखे मेवे शामिल किए जाते हैं। मेवे ज्यादातर पारंपरिक व्रत की थाली का हिस्सा होते हैं। सभी पोषक तत्वों के लिए इसमें बादाम, काजू, खजूर और किशमिश जरूर शामिल करें।
पके भोजन से पेट भरा महसूस होता है
सरगी की थाली में कुछ पका भोजन भी होता है। इसमें मठरी, फेनी, सब्जी, रोटी और हलवा शामिल होता है । मठरी और फेनी तो थाली में पारंपरिक रूप से शामिल होती हैं। इसके अलावा अन्य चीजें पसंद के अनुसार बदल सकते हैं। इनकी मौजूदगी से पेट भरा हुआ महसूस होता है।
स्वाद और इंस्टेंट एनर्जी के लिए मिठाई
हमारे भारत देश में परम्पराओ के साथ साथ मिठाईओं का भी बहुत बड़ा स्थान है । इसे ईश्वर का भी प्रिय भोग माना जाता है। इसलिए सरगी की थाली में कुछ मिठाइयां भी रखी जाती हैं। सुबह जल्दी उठकर भोजन करना अजीब लग सकता है। इसलिए मिठाई खाने का स्वाद बढ़ाती है। यह दूध और चीनी से बनी होती है, इसलिए इससे इंस्टेंट एनर्जी भी मिलती है।
सेवई
सभी फल
खजूर
चकुंदर का रायता
दही दूध
पनीर
सूखे मेवे