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Explainer: क्यों पेरिस पैरालंपिक में भारत के 84 खिलाड़ियों के साथ भेजे गए हैं 95 अधिकारी, जानिए क्या है वजह

Explainer: क्यों पेरिस पैरालंपिक में भारत के 84 खिलाड़ियों के साथ भेजे गए हैं 95 अधिकारी, जानिए क्या है वजह

 

India at Paralympics 2024: 

17वें पेरिस पैरालंपिक खेलों का आयोजन 28 अगस्त से आठ सितंबर तक किया जाएगा. भारत ने इसके लिए अपना 84 खिलाड़ियों का सबसे बड़ा दल भेजा है, जो 12 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे. इन खिलाड़ियों के साथ 95 अधिकारी भी पेरिस में मौजूद होंगे. इस तरह भारतीय दल में कुल 179 सदस्य शामिल हैं. 2021 टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 54 खिलाड़ियों ने नौ स्पर्धाओं में भाग लिया था.

पेरिस पैरालंपिक में भाग लेने वाले इन 95 अधिकारियों में से 77 टीम अधिकारी है, नौ चिकित्सा अधिकारी (डॉक्टर) और नौ अन्य टीम अधिकारी शामिल हैं. टीम में खिलाड़ियों से ज्यादा अधिकारियों या सपोर्ट स्टाफ होने की एक वजह यह भी है कि कई खिलाड़ियों की विशेष जरूरतों का खयाल रखने के लिए उनके साथ उनके कोच और एस्कॉर्ट भी साथ होंगे. जेविलन थ्रोअर सुमित अंतिल और निशानेबाज अवनि लेखरा उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिनके निजी कोच पेरिस में होंगे. इन दोनों ने टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. सुमित और अवनि अपने मेडल को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे.


मंजूरी के समय क्या कहा खेल मंत्रालय ने

खेल मंत्रालय ने भी पैरालंपिक दल को स्वीकृति देते हुए कहा, “कुछ पैरा एथलीटों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दल में निजी कोचों को भी शामिल किया गया है. हालांकि मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया कि जो निजी कोच पेरिस भेजे जा रहे हैं वे मिशन प्रमुख या टीम के मुख्य कोच के निर्देशों के अनुसार जरूरत पड़ने पर अन्य खिलाड़ियों की भी मदद करेंगे.

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मुख्य खेलों में गए थे 117 एथलीट और 140 सपोर्ट स्टाफ

हाल ही में संपन्न हुए मुख्य पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के 117 एथलीटों ने शिरकत की थी. इनमें 70 पुरुष और 47 महिलाएं थीं, जिन्होंने 16 खेलों में अपनी चुनौती पेश की थी. इनके साथ 140 सपोर्ट स्टाफ को भी पेरिस जाने की मंजूरी दी गई थी. 140 में से 72 सपोर्ट स्टाफ को सरकारी खर्चें पर फ्रांस भेजा गया था. भारतीय टीम वहां से नीरज चोपड़ा के एक सिल्वर सहित कुल पांच पदक लेकर लौटी. पिछले कुछ संस्करणों में समर ओलंपिक में भारतीय एथलीटों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है. टोक्यो 2020 में भारत की 124 एथलीटों की टीम गई थी. जो भारत का अब तक का सबसे बड़ा ओलंपिक दल था. भारत ने टोक्यो ओलंपिक मेंं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था और नीरज चोपड़ा के गोल्ड सहित सात मेडल जीते थे.


इस बार 25 मेडल जीतने का लक्ष्य

भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया को भरोसा है कि भारत पिछले संस्करण की पदक तालिका को पार कर जाएगा. देवेंद्र झाझरिया खुद पैराएथलीट हैं. वह तीन पैरालंपिक और विश्व पैरा एथलेटिक्स में मेडल जीत चुके हैं. झाझरिया ने कहा, “पिछले तीन सालों में हमारे एथलीटों की तैयारी और उनकी कड़ी मेहनत को देखते हुए, मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि इस बार हम 25 से अधिक पदक जीतेंगे. सरकार द्वारा किए गए समर्थन और प्रेरणा ने पैरा-एथलीटों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है.” उन्होंने कहा, “इसके अलावा, खेलो इंडिया और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) जैसी सरकारी योजनाएं महत्वपूर्ण रही हैं. हमारे कई खिलाड़ी टॉप्स के तहत तैयारी कर रहे हैं, जिससे उन्हें जरूरी संसाधन और ट्रेनिंग के मौके मुहैया हुए हैं.”

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एथलेटिक्स में है पदकों की ज्यादा उम्मीद

पेरिस पैरालंपिक में भाग लेने गए दल की मुख्य ताकत एथलेटिक्स है. भारतीय दल के 84 खिलाड़ियों में से 34 एथलेटिक्स से हैं. इस बार एथलेटिक्स में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है और माना जा रहा है कि ट्रैक एंड फील्ड से दस मेडल मिल सकते हैं. मेडल जीतने के लिए दूसरा नंबर शूटिंग और तीरंदाजी का हो सकता है. भारत के बैडमिंटन खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी उल्लेखनीय रहा है. इन खेलों से भी भारत को कई पदक मिलने की उम्मीद है. पीसीआई के प्रमुख झाझरिया ने कहा, “भारत पदकों की संख्या के मामले में शीर्ष 20 देशों में शामिल होगा. यह हमारे देश के लिए गर्व का क्षण होगा. हमारे एथलीटों और सहयोगी स्टाफ की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण होगा.”